फीफा विश्वकप कप और भारत के लिए संभावनाएं

फीफा वर्ल्ड कप 2026 के लिए क्वालीफायर का राउंड दो का महाकुंभ अब सज चुका है।
भारतीय टीम कुवैत को उसके घरेलू दर्शकों के सामने 1-0 रौंद कर दूसरे राउंड की शानदार शुरुआत की है, लेकिन 21 नवंबर को हुए ओडिसा के कलिंगा स्टेडियम में दुनिया के 61नंबर की टीम कतर से हारकर तीसरे राउंड में पहुंचने के लिए असमंजस की स्थिति में आ गई है। 2019 में दोहा में आयोजित होने वाले 2022 फीफा कप के लिए खेले गए मुकाबले में भारत ने कतर को 0-0 से ड्रॉ पर रोक कर सभी को अचरज में डाल दिया था, लेकिन अपने उस ग्रुप में अधिकतर मैच ड्रॉ खेलने के कारण सेकेंड राउंड का पड़ाव पार करने में असफल रहा था।
  दुनिया के सबसे चर्चित खेलों में से एक फुटबॉल के बड़े मंच पर देश का झंडा लहराने के लिए भारतीय टीम लगभग 7 दशक से हाथ-पांव मार रही है, लेकिन हर बार अपने निराशाजनक प्रदर्शन के कारण क्वालिफाई नहीं कर पाई है। यह बात अलग है कि भारतीय फुटबॉल टीम 50 के दशक में एशिया की शक्तिशाली टीमों में से एक  थी।1950 में अपने ‌‌क्वालिफिकेशन ग्रुप में सभी देशों के द्वारा अपने नाम वापस लेने के कारण विश्व कप में डिफॉल्ट के रूप में क्वालिफाई कर गई थी। हालांकि आर्थिक कारणों और फीफा के शर्तों पर खरा न उतर पाने के स्थिति में भारत को भी टूर्नामेंट शुरू होने से पहले अपना नाम वापस लेना पड़ा। इस तरह हमारी टीम फुटबॉल वर्ल्ड  कप में भाग लेने से रह गई । उसके बाद से जहां एक ओर दुनिया का फुटबॉल दिन दूना रात चौगुना आगे बढ़ता रहा और हम फुटबॉल के विरासत को आगे ले जाने में बहुत पीछे छूट गए, लेकिन पीछे जो कुछ भी हुआ है उससे सीख कर आगे बढ़ने का समय अब  दस्तक दे चुका है। यह बात सबको पता होगी ही कि  बड़े परीक्षा को पास करने के लिए सही समय पर सही रणनीतिक तैयारी होनी आवश्यक है । इसके लिए 2014 में भारत ने कॉरपोरेट जगत के साथ मिलकर इंडियन सुपरलीग के तौर पर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया था जो अभी तक जारी है । इंडियन सुपर लीग में भारतीय प्लेयर्स को उन विदेशी खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिला है जो फीफा विश्वकप में कभी न कभी खेल चुके है। यह भी सच है कि लक्ष्य प्राप्त करना है तो कड़े परिश्रम चौतरफा होना जरूरी है। भारतीय फुटबॉल को स्वतंत्रता शताब्दी वर्ष 2047 तक शक्ति के रूप में उभारने के लिए इस साल के 7 जनवरी को भारतीय फुटबॉल महासंघ ने 'विजन 2047' लॉन्च करते हुए 6 चरणों वाला एक रणनीतिक रोडमैप तैयार किया है। जो प्रत्येक चार वर्ष में विभजित किया गया है।
फुटबॉल के जानकारों का मानना है कि फीफा द्वारा आयोजित होने अगला वाला विश्व कप भारत के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है, क्योंकि इस बार 32 के जगह पर 48 टीमें हिस्सा लेगी और 3 के जगह प्रत्येक ग्रुप में 4- 4 टीमें रहेगी। इसमें एशिया की टीमों के भाग लेने के मौके और अधिक बढ़ जाते हैं और भारत के लिए यह किसी सुनहरे मौका से कम नही है।
फीफा के ग्लोबल फुटबॉल डेवलपमेंट के प्रमुख आर्सेन वेंगर ने सोमवार, 20 नवंबर, 2023  को भारत की 3 दिवसीय यात्रा पर है और उन्होंने भारतीय फुटबॉल के बारे में कहा कि ' भारतीय फुटबॉल एक सोने की खान है जिसकी खोज की जा रही है!' पूरी दुनिया की नजर भारतीय फुटबॉल पर है और भारत को फुटबॉल के सबसे बड़े मंच पर देखने के लिए उत्सुक हैं।
गौरतलब है कि कतर से मिली हार भारत के लिए कोई अधिक नुकसान नही करेगा, लेकिन यहां भारतीय कोच इगोर स्टीमैक, कप्तान सुनील छेत्री और टीम के मनोबल को बरकार रखने के साथ-साथ फुटबॉल प्रेमियों को भी धैर्य का परिचय देना बहुत जरूरी हो जाता है। भारत को दूसरे राउंड के अपने ग्रुप में शीर्ष स्थान तो नही मिलेगा , लेकिन ग्रुप में 2 नंबर पर बने रहना पड़ेगा और तीसरे राउंड में प्रवेश कर करना बेहद जरूरी है। अगर उत्तरी अमेरिकी महाद्वीप में आयोजित होने वाले 2026 फीफा विश्व कप का टिकट कटाना है और 2027 एएफसी एशियन कप में भारत का प्रतिनिधित्व करना है तो।
 

Write a comment ...

Write a comment ...